Introduction

कोणासन करने कि विधि व लाभ

कोणासन(Konasana) के बारें में:

कोणासन एक योगासन है जो शरीर की मजबूती, स्थिरता, और लचीलापन को बढ़ाने में मदद करता है। इस आसन में, शरीर को एक त्रिकोणाकार आकृति बनाने के लिए बायां और दायां पांव आगे करके हाथों का उपयोग किया जाता है। यह आसन शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने, संतुलित रखने, और शारीर की कोशिकाओं को शक्ति प्रदान करने में मदद करता है।

(Konasana)कोणासन कैसे करें:

  1. सीधे खड़े रहें और पैरों को कूल्हों की चौड़ाई के बराबर दूरी पर रखें, और हाथों को शरीर के पास रखें।
  2. सांस लें और अपने बाएं हाथ को ऐसे ऊपर उठाएं कि आपके अंगूठे छत की दिशा में रहें।
  3. सांस छोड़ते हुए, अपनी रीढ़ की हड्डी को दाहिनी ओर झुकाएं, फिर अपने दाहिने कंधे को बाईं ओर ले जाएं और थोड़ा और झुकें। अपने बाएं हाथ को ऊपर की ओर सीधा रखें।
  4. बाएं हथेली से ऊपर की ओर देखने के लिए अपने सिर को घुमाएं। कोहनियों को सीधा रखें।
  5. सांस लेते हुए अपने शरीर को सीधा करें।
  6. सांस छोड़ते हुए अपने बाएं हाथ को नीचे लाएं।

(Konaasana) कोण आसन के फ़ायदे:

  • रीढ़ की हड्डी और बाजुओं व पैरों को खींच कर सीधा रखने में सहायता।
  • हाथ, पैर और धड़ के सभी भागों में सुदृढ़ता।
  • पीठ के दर्द से निजादI
  • रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।
  • कब्ज़ में राहत मिलती है।
  • कटिस्नायु शूल (साईटीका) के रोगियों को लाभ मिलता है।

 

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Maharshi Patanjali Yog evm Prakritik Chikitsa Parishad was established in 2007 with the aim to promote the teachings of Yoga and Naturopathy. Maharshi Patanjali Yog evm Prakritik Chikitsa Parishad MPYPCP organization operates in the field of Yoga education, offering various programs and courses for individuals who are seeking to learn about this ancient discipline. Their vision is to spread the benefits of Yoga and Ayurveda to as many people as possible, so that they can improve their physical and mental well-being and lead a healthier and happier life.

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