10
Jul
जल नेति क्रिया विधि तथा जल नेति करने के लाभ
जल नेति क्रिया विधि:
जल नेति क्रिया को करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है:
- नलिका तैयार करें: एक जल नेति पात्र (नलिका) तैयार करें। इसके लिए एक धातु की या प्लास्टिक की नली या जल नेति कांच की बोतल का उपयोग किया जा सकता है।
- नेति पानी तैयार करें: गंगा जल, संधा नमक और गर्म पानी का मिश्रण तैयार करें। इसे ठंडा कर लें ताकि यह आपकी नाक में सहजता से बह सके।
- जल नेति करें: एक नाक बंद करें और नेति पानी को नलिका के एक छिद्र में डालें। नलिका को धीरे से उठाएं ताकि जल नेति पानी एक नाक से बाहर निकल सके। दूसरी नाक से सही से साँस लें।
- नाक साफ करें: जल नेति पानी द्वारा एक नाक से बाहर निकलने के बाद, अपनी मुँह धो लें और नाक को साफ़ पानी से धो लें।
जल नेति करने के लाभ:
- नाक से जमा हुए मल को निकालने से श्वासनली को शुद्धि मिलती है और श्वासनली की कार्यक्षमता बढ़ती है।
- जल नेति से नाक में बने रहने वाले धूल और अनुचित तत्वों को हटाने से नाक स्वच्छ और ताजगी बनी रहती है।
- जल नेति करने से साइनस संक्रमण, एलर्जी, मिग्रेन जैसी समस्याओं का निदान हो सकता है।
- जल नेति से नाक के अंदर श्वासनली में उचित आर्द्रता बनी रहती है जो सांस लेने को आसान बनाती है।
- यह प्राकृतिक तरीका है जिससे नाक को स्वस्थ रखा जा सकता है और संक्रमण और रोगों के खिलाफ सुरक्षा में मदद मिलती है।